ताइवान ने अपने नागरिकों को युद्ध को देखते हुए तैयार करना शुरू कर दिया है | ताइवान अभी तक लोकतांत्रिक संपन्न खुशहाल और शांतिप्रिय देश माना जाता था|
highlights
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- युवाओं को ताइवान दे रहा युद्ध में जान बचाने का प्रशिक्षण
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- डरे हुए हैं छोटे बच्चे
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- वयस्कों को किया गया मिलिट्री में सेवा अनिवार्य
लोकतंत्र में आस्था रखने वाले ताइवान पर चीन द्वारा युद्ध थोपने की कवायद के बीच नागरिकों को तैयार किया जा रहा है | शनिवार और रविवार को स्कूल बंदी के समय सभी 5 वर्ष की आयु से लेकर 18 साल से छोटे बच्चों और युवाओं को युद्ध के समय जान बचाने की ट्रेनिंग दी जा रही है | ट्रेनिंग के दौरान छोटे बच्चों की आंखों में मायूसी और डर नजर आया आ रहा है | दरअसल ताइवान में इजराइल की तर्ज पर कॉल आन ड्यूटी के तहत सभी वयस्क नागरिकों के लिए मिलिट्री में सेवाएं देना अनिवार्य हैं | लेकिन 18 साल से छोटे बच्चे नहीं जानते कि युद्ध की स्थिति में क्या किया जाए |
ऐसी स्थिति की तैयारी अब ताइवान के स्कूलों में शुरू हो गई है | जहां बच्चों को फर्स्ट एड, गोली लगने की स्थिति में खून रोकना, गोलीबारी के छर्रों में घायल लोगों के रक्तस्राव पर काबू पाना,बिना बिजली और बिना सेल फोन नेटवर्क के लोगों को ढूंढना आदि सिखाया जा रहा है |
ताइवान अब मान चुका है कि चीन से युद्ध हर हाल में होकर रहेगा | ऐसी युद्ध की स्थिति में सेना के साथ-साथ नागरिकों पर भी आसमान से बम बरसेंगे | ऐसी स्थिति में सेना और नागरिक सभी लोग निशाने पर होंगें | ऐसे में स्कूल युद्ध की तैयारी के मैदान बने हुए हैं |
परमाणु और पारंपरिक युद्ध में दी जाने वाली बुक दिखाते हुए, सब्जेक्ट की क्लास में परमाणु युद्ध होने की स्थिति में सोडियम का इस्तेमाल, न्यूक्लियर रेडिएशन से बचने के लिए जमीन के अंदर जाना, आर्टलरी फायर के बीच हर वक्त मुंह से सांस लेना, एयर रेड के समय खिड़कियों के सभी शीशों को कवर कर देना ताकि धमाके की आवाज से उनके टूटने की स्थिति में लोग घायल ना हो जाए आदि सिखाया जा रहा है |
इस कोर्स को करने के बाद बकायदा एक आई कार्ड भी दिया जा रहा है. इस आईडेंटिफिकेशन से सरकार के पास भी डाटा रहेगा की युद्ध की स्थिति में वह कितने नागरिकों की ट्रेनिंग कर चुकी है |